पद्म पुराण (Padam Puran) अठारह पुराणों में से एक पुराण ग्रंथ है जो महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित संस्कृत भाषा में है । सभी अठारह पुराणों की गणना के क्रम में द्वितीय स्थान प्राप्त है‘पद्म पुराण’ (Padam Puran) को । श्लोक संख्या की दृष्टि से भी यह द्वितीय स्थान पर है। पहला स्थान स्कन्द पुराण को प्राप्त है। पद्म का अर्थ है-‘कमल का पुष्प’। चूँकि सृष्टि-रचयिता ब्रह्माजी ने भगवान् नारायण के नाभि-कमल से उत्पन्न होकर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञान का विस्तार किया था, इसलिए इस पुराण को पद्म पुराण की संज्ञा दी गयी है।
इस पुराण में भगवान् विष्णु की विस्तृत महिमा के साथ भगवान् श्रीराम तथा श्रीकृष्ण के चरित्र, विभिन्न तीर्थों का माहात्म्य शालग्राम का स्वरूप है।
।। पद्म पुराण ।।
Padam Puran
अनुक्रम :-
- विस्तार
- श्लोक-संख्या
- विषय वस्तु
- सन्दर्भ
विस्तार :-
पद्म पुराण (Padam Puran) अठारह पुराणों में से एक पुराण ग्रंथ है। पद्मपुराण के छह खण्ड प्रसिद्ध हैं ।
- सृष्टि खण्ड
- भूमि खण्ड
- स्वर्ग खण्ड
- ब्रह्म खण्ड
- पाताल खण्ड
- उत्तर खण्ड
इन खण्डों के क्रम एवं नाम में अंतर भी मिलता है। ‘स्वर्ग खंड’ का नाम ‘आदि खंड’ भी प्रचलित है। नारद पुराण की अनुक्रमणिका में ‘ब्रह्म खंड’ को ‘स्वर्ग खंड’ में ही अंतर्भूत कर दिया गया है और स्वयं पद्मपुराण के एक उल्लेख के अनुसार छह खंडों के अतिरिक्त ‘क्रिया खंड’को भी सातवें खंड के रूप में गिना गया है। हालाँकि इस पाठ से भिन्न पाठ भी उपलब्ध होते हैं जहाँ 6 खंडों का ही उल्लेख है तथा ‘क्रिया खंड’ को ‘सृष्टि खंड’ का ही नामांतर मानकर ‘क्रियायोगसार खंड’ को ‘उत्तर खंड’ में ही समाहित माना गया है।
पद्मपुराण में 55000 श्लोक हैं।
श्लोक-संख्या :-
अंक क्रमांक | खण्ड | अध्याय (मोर=चौखंबा सं.) | अध्याय (आनन्दाश्रम सं.) | श्लोक (मोर=चौखंबा सं.) | श्लोक (आनन्दाश्रम सं.) |
१ | सृष्टि खण्ड | 86 | 82 | 12,072 | 12,076 |
२ | भूमि खण्ड | 125 | 125 | 6,428 | 5,920 |
३ | स्वर्ग खण्ड | 62 | 62 | 3,139 | 3,160 |
४ | ब्रह्म खण्ड | 26 | 26 | 1,070 | 1,775 |
५ | पाताल खण्ड | 117 | 113 | 9,373 | 8,742 |
६ | उत्तर खण्ड | 255 | 282 | 14,887 | 16,779 |
७ | क्रियायोगसार खण्ड | 26 | 0 | 3,174 | 0 |
कुल | 07 | 697 | 690 | 50,143 | 48,452 |
Padam Puran Pdf in Hindi :-
विस्तृत :-
यह पुराण (Padam Puran) सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, मन्वतंर और वंशानुचरित –इन पाँच महत्त्वपूर्ण लक्षणों से युक्त है। भगवान् विष्णु के रूप और पूजा उपासना का प्रतिपादन करने के कारण इस पुराण को वैष्णव पुराण भी कहा गया है। इस पुराण में विभिन्न पौराणिक आख्यानों वर्णन किया गया है, जिसके माध्यम से भगवान् विष्णु से संबंधित भक्तिपूर्ण कथा को अन्य पुराणों की अपेक्षा अधिक विस्तृत ढंग से प्रस्तुत किया है। पद्म-पुराण सृष्टि की उत्पत्ति अर्थात् ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना और अनेक प्रकार के अन्य ज्ञानों से परिपूर्ण है तथा अनेक विषयों के गम्भीर रहस्यों का इसमें उल्लेख किया गया है। इसमें सृष्टि खंड, भूमि खंड और उसके बाद स्वर्ग खण्ड महत्त्वपूर्ण अध्याय है। फिर ब्रह्म खण्ड और उत्तर खण्ड के साथ क्रिया योग सार भी दिया गया है।किन्तु पद्म पुराण (Padam Puran) में विष्णु के महत्त्व के साथ शंकर जी की अनेक कथाओं को भी लिया गया है। शंकर का विवाह और उसके उपरान्त अन्य ऋषि-मुनियों के कथानक तत्व विवेचन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
पद्मपुराण के कुल सात खण्डों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है :-
1.सृष्टि खण्ड: इस खण्ड में भीष्म ने सृष्टि की उत्पत्ति के विषय में पुलस्त्य से पूछा। पुलस्त्य और भीष्म के संवाद में ब्रह्मा के द्वारा रचित सृष्टि के विषय में बताते हुए शंकर के विवाह आदि की भी चर्चा की है।
2.भूमि खण्ड: इस खण्ड में भीष्म और पुलस्त्य के संवाद में कश्यप और अदिति की संतान, परम्परा सृष्टि, सृष्टि के प्रकार तथा अन्य कुछ कथाएं संकलित है।
3.स्वर्ग खण्ड: स्वर्ग खण्ड में स्वर्ग की चर्चा है। मनुष्य के ज्ञान और भारत के तीर्थों का उल्लेख करते हुए तत्वज्ञान की शिक्षा दी गई है।
4. ब्रह्म खण्ड: इस खण्ड में पुरुषों के कल्याण का सुलभ उपाय धर्म आदि की विवेचन तथा निषिद्ध तत्वों का उल्लेख किया गया है।
5.उत्तर खण्ड:
6.पाताल खण्ड:
7.क्रियायोगसार खण्ड: क्रियायोग सार खण्ड में कृष्ण के जीवन से सम्बन्धित तथा कुछ अन्य संक्षिप्त बातों को लिया गया है। इस प्रकार यह खण्ड सामान्यत: तत्व का विवेचन करता है।
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Credit – Bhakti Sangit
FAQ :-
- पद्म पुराण में क्या लिखा है ? – पद्म-पुराण (Padam Puran) सृष्टि की उत्पत्ति अर्थात् ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना और अनेक प्रकार के अन्य ज्ञानों से परिपूर्ण है तथा अनेक विषयों के गम्भीर रहस्यों का इसमें उद्घाटन किया गया है। इसमें सृष्टि खंड, भूमि खंड और उसके बाद स्वर्ग खण्ड महत्त्वपूर्ण अध्याय है।
- पद्म पुराण में कितने अध्याय हैं ? – पद्म पुराण (Padam Puran) जो चौखंबा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित है उसमें कुल 7 खंड है, कुल अध्याय 697 है। कुल श्लोक 50,143 है। अलग-अलग प्रकाशक ने पद्मपुराण के खंडों के अलग-अलग नाम दिया है।
- 18 पुराणों में से सबसे बड़ा पुराण कौन सा है ? – स्कन्दपुराण : यह पुराण (Padam Puran) शिव के पुत्र स्कन्द (कार्तिकेय, सुब्रह्मण्य) के नाम पर है। यह सबसे बडा पुराण है। इसमें कुल ८१,००० श्लोक हैं।
- पद्म पुराण कब लिखा गया ? – ‘पद्म पुराण’ (Padam Puran) की रचना बारहवीं शताब्दी के बाद की मानी जाती है।